तू जो कहे सौ से हजार हो जाऊँ
पतझड़ बनूँ या फिर बहार हो जाऊँ
क्या इरादा है बता जरा या फिर मै
तेरी साँसों मे घुलूँ प्यार हो जाऊँ
~Kumar Satendra
पतझड़ बनूँ या फिर बहार हो जाऊँ
क्या इरादा है बता जरा या फिर मै
तेरी साँसों मे घुलूँ प्यार हो जाऊँ
~Kumar Satendra
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