मेरे होने का वादा करके मुझसे दूर जाता है,
कभी जुल्फों की छांव कभी गम की धूप बरसाता है,
जमीं तड़पाती है बादल को ऐसे वो तड़पाता है,
नहीं मालूम वो ही शख्स क्यूँ इस दिल को भाता है
कभी जुल्फों की छांव कभी गम की धूप बरसाता है,
जमीं तड़पाती है बादल को ऐसे वो तड़पाता है,
नहीं मालूम वो ही शख्स क्यूँ इस दिल को भाता है
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